शीशम के फायदे
शीशम (Dalbergia sissoo) एक बहुउपयोगी वृक्ष है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से उगाया जाता है। यह कई औषधीय, पर्यावरणीय और व्यावसायिक लाभ प्रदान करता है।
शीशम के फायदे:
1. औषधीय लाभ:
हड्डियों को मजबूत करता है – शीशम की पत्तियों और लकड़ी का उपयोग हड्डियों की मजबूती के लिए किया जाता है।
त्वचा रोगों में फायदेमंद – इसकी पत्तियों का रस त्वचा की समस्याओं, जैसे खुजली और एक्जिमा में राहत देता है।
डायबिटीज में उपयोगी – शीशम की पत्तियों का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
दांत और मसूड़ों के लिए लाभकारी – इसकी टहनी (दातुन) का उपयोग दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाने में किया जाता है।
2. पर्यावरणीय लाभ:
ऑक्सीजन उत्पादन – यह वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में सहायक होता है।
मिट्टी संरक्षण – इसकी जड़ें मिट्टी के कटाव को रोकती हैं और भूमि की उर्वरता बनाए रखती हैं।
वातावरण को शुद्ध करता है – शीशम का वृक्ष हानिकारक गैसों को अवशोषित कर वायु को शुद्ध करता है।
3. व्यावसायिक एवं आर्थिक लाभ:
मजबूत लकड़ी – इसकी लकड़ी बहुत मजबूत, टिकाऊ और दीमक-रोधी होती है, जिससे यह फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां और फर्श बनाने के लिए उपयुक्त होती है।
आय का स्रोत – शीशम की लकड़ी और पत्तियां औद्योगिक रूप से उपयोग की जाती हैं, जिससे किसानों और व्यापारियों को अच्छा लाभ मिलता है।
ईंधन और कोयला उत्पादन – इसकी लकड़ी से कोयला और जलावन भी बनाया जाता है।
4. पशुओं के लिए लाभ:
शीशम के पत्ते पशुओं के चारे के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जो उन्हें पोषण प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष:
शीशम का वृक्ष न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह औषधीय और व्यावसायिक लाभ भी प्रदान करता है। इसका संरक्षण और अधिक मात्रा में रोपण करना मानव जीवन और प्रकृति दोनों के लिए लाभकारी है।
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